शी… फैमिली नही बल्कि अकेले में देखें बॉलीवुड की ये फिल्में !
भारतीय सिनेमा सिर्फ पारिवारिक फिल्मों के लिए दुनियाभर में जाना जाता था. लेकिन अब बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में बनती है, जिन्हें हम अपनी फैमिली के साथ देखने में असहज महसूस करते है.इनमें से कुछ फिल्में ऐसी भी है जो विवादों में फंस चुकी है.जिसकी मुख्य वजह बोल्ड कंटेट,अभ्रद्र भाषा का प्रयोग आदि शामिल है.ऐसी फिल्मों को सेंसर बोर्ड की तरफ से बैन कर दिया जाता है या A सर्टीफिकेट दे दिया जाता है.तो चलिए जानते हैं उन मूवीज के बारें में जिन्हें आप अपनी फैमिली के साथ देखना तो दूर सोच भी नही सकते.
डेली बेली : आमिर खान की होम प्रोडक्शन फिल्म डेली बेली में जिस तरह के दृश्य और संवाद हैं शायद ही पहले हिंदी फिल्मों में नजर आए हों या सुनाई दिए हों. वैसे हर दूसरे संवाद में अपशब्दों यानि की गालियों का प्रयोग किया गया है.
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का : डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का महिलाओं की आकांक्षाओं की कहानी कहती है. इस फिल्म को देखने के बाद पहली ही बार में सेंसर बोर्ड ने सेंसर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था.
मर्डर : हॉलीवुड मूवी ‘अनफेथफुल’ से प्रेरित और अनुराग बसु द्वारा निर्देशित फिल्म मर्डर वर्ष 2004 में रिलीज हुई. इस फिल्म ने मल्लिका के रूप में बॉलीवुड को एक बोल्ड हसीना मिली और इमरान हाशमी के जरिए बॉलीवुड को पहला सीरीयल किसर.इस फिल्म ने दोनों को स्टार बना दिया.
बीए पास : निर्देशक अजय बहल की फिल्म बी.ए. पास फिल्म दिल्ली की काली सच्चाई को उजागर करती है.तो वहीं इस फिल्म के किरदारों ने फिल्म ‘बीए पास’ के जरिए जिंदगी के हर रंग दिखाने की कोशिश की है.
गैंग्स ऑफ वासेपुर : अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वास्सेपुर’ में गालियों की भरमार इसे परिवार के साथ न देखे जाने लायक फिल्म का दर्जा देती है.ये फिल्म ब्राजीलियन फिल्म सिटी आफ गॉड के क्लासिक ओपनेलिंग सीक्वेंस की याद दिलाता है.