फ़िल्में, जिन्होंने की आधी आबादी की बात

Top 10 Female Centric Bollywood Movies

हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री हमेशा से पुरुष प्रधान रही है. हमेशा हीरो के लिए कहानियां लिखी जाती रही हैं और हिरोइन सेकेंड सिटिज़न की तरह होती है. उसके हिस्से में बेमतलब के रोल ही आए हैं. लेकिन कुछ लोगों ने हिरोइन के ऊपर कहानी लिखी और हिरोइन को हीरो बनाकर पेश किया. एक नज़र ऐसी कुछ फ़िल्मों पर:

इस फ़िल्म में स्वरा भास्कर ने एक ग़रीब घरेलू नौकरानी का रोल निभाया था जो अपनी बेटी को एक IAS अफ़सर बनाना चाहती है. बेटी को पढ़ाई की ओर प्रेरित करने के लिए वो ख़ुद बेटी के स्कूल में उसी के क्लास में पढ़ने पहुंच जाती है. फ़िल्म में एक अकेली मां के संघर्ष को बख़ूबी पेश किया गया है. दर्शकों और समीक्षकों ने इस फ़िल्म को ख़ूब सराहा.

‘लड़कियों की ना में भी उनकी हां होती है’ सिखाने वाले बॉलीवुड में एक ऐसी फ़िल्म आई जिसमें कहा गया ‘नो मीन्स नो’.  यौन शोषण का शिकार हुई लड़कियां किस तरह इंसाफ़ पाने निकलती हैं और उन्हें किस तरह के अपमान और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इस फ़िल्म में बेहतरीन तरीक़े से दिखाया गया. अपनी शर्तों पर अपनी मर्ज़ी से जीने वाली लड़कियों का पक्ष रखने में ये फ़िल्म कामयाब हुई थी. समीक्षकों और दर्शकों ने इस फ़िल्म की जमकर तारीफ़ की थी.

शादी के एक दिन पहले अपने मंगेतर के हाथों रिजेक्ट कर दी गई लड़की की बेहद ख़ास कहानी है क्वीन. मंगेतर के शादी से इनकार करने के बाद अपने हनीमून पर अकेले निकलने वाली कंगना रनौत की जमकर तारीफ़ हुई थी. अपने सफ़र के दौरान कंगना कई लोगों से मिलती है जिनके साथ उसे ज़िंदगी का एक अलग अनुभव होता है. एक ठुकराई हुई दुल्हन किस तरह इस सफ़र के बाद एक आत्मनिर्भर लड़की बनकर उभरती है इस फ़िल्म में बेहद एंटरटेनिंग तरीक़े से दर्शाया गया है.

नीरजा भनोत की ज़िंदगी पर आधारित इस फ़िल्म में सोनम कपूर ने टाइटल रोल निभाया था. नीरजा किस तरह प्लेन हाइजैकिंग के दौरान पैसेंजर्स का ध्यान रखती हैं, आतंकियों से डील करती हैं इस फ़िल्म की कहानी है. अपने डर को क़ाबू करके नीरजा एक मज़बूत और हिम्मती लड़की बनती हैं और पैसेंजर्स की जान बचाते हुए ख़ुद शहीद हो जाती हैं. नीरजा की निजी ज़िंदगी भी उतार चढ़ाव से भरी होती है. वो एक बुरी शादी का दंश झेल चुकी होती है और उससे बाहर आने की हिम्मत भी दिखाती है. सोनम कपूर का ये बेस्ट परफ़ॉरमेंस था.

इस फ़िल्म में राजस्थान के पिछड़े इलाक़े की औरतों की कहानी है. हर औरत की अपनी परेशानी है, अपना संघर्ष है. किस तरह ये 3 औरतें मिलकर अपनी परेशान ज़िंदगी को बदलने की कोशिश करती हैं, कैसे एक दूसरे का साथ उनकी ताक़त बनता है यही इस फ़िल्म की जान है.

Manoj L

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