90 के दशक के ये 5 कॉमेडी सीरियल्स आज भी देखने का करता हैं मन

छोटे पर्दे पर आज ऐसे कई कॉमेडी सीरियल आ रहे है जिनमें खुलकर डबल मिनिंग और अपशब्दों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है.तो वहीं 90 के दशक में कॉमेडी शो इस तरह के आते थे जिन्हें हम अपनी फैमिली के साथ बैठकर देखने में कोई हिचक महसूस नही होती थी.तो चलिए देखते है वो कॉमेडी सीरियल्स जिसे देखने का आज भी मन होता है.

जबान संभाल के

अंग्रेजी टीवी शो ‘माइंड यॉर लैंग्वेज’ का हिंदी वर्जन जबान संभाल के एक ऐसा शो था जिसमें भारत के सभी भाषाओं को मिश्रण था.इस शो में पकंज कपूर हिंदी भाषा के अध्यापक बने हुए थे और कक्षा में छात्रों के मजेदार सवाल गुदगुदाने पर मजबूर कर देते थे.

तूतूमैं मैं

छोटे पर्दे के शो ‘तू तू मैं मैं’ सास बहु की नोंक झोंक टेंशन देने की बजाय चेहरे पर एक मुस्कान लाती थी. वैसे ये सास बहु की पहली जोड़ी थी जिसे देखने के लिए घर के बेटे और बहु साथ में बैठकर देखना पसंद करेंगें.इस शो का निर्देशन  सचिन पिलगांवकर ने किया था.

ऑफिस ऑफिस

इस शो में पंकज कपूर हंसाने के साथ-साथ जिंदगी को लेकर कई सारी सीख भी देते थे.वैसे यह ऐसा धारावाहिक है, जो गलाकाटू और हृदयहीन व्यवस्था में आम आदमी को होने वाले अनुभवों पर गुदगुदाने वाला व्यंग्य प्रस्तुत करता है.

हम पांच

इस शो में आनंद माथुर अपनी पाँच बेटियों के साथ रहता है, जिनके मज़ाक उसे परेशान करते है और अपनी पहली मृत पत्नी से व्यंग्यात्मक टिप्पणियों को प्राप्त करता है. हालांकि वो अपने जीवन में हस्तक्षेप का विरोध नहीं कर सकता है.वैसे इस परिवार की नोंक झोंक दर्शकों को देखना बेहद पसंद है.

देख भाई देख

देख भाई देख एक ऐसा टीवी सीरियल था, जिसे हम सबके साथ बैठकर एन्जॉय कर सकते थे.वैसे शेखर सुमन, फरीद जलाल के अलावा सीरियल में ऐसे कई सीतारे थे. जो अपने दम पर दर्शकों को हसांने का दम रखते थे.

Manoj L

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