आईये देखते है देशभक्ति पर बनीं ये १० फिल्मे

बॉलीवुड में आज़ादी के दौर और देशभक्ति पर कई बेहतरीन फ़िल्में बनी हैं. इन फ़िल्मों में ग़ुलामी के दिनों और ग़ुलामी से छुटकारा पाने के लिए किए गए संघर्ष को बेहतर तरीक़े से पेश किया गया है. इन चुनिंदा फ़िल्मों पर नज़र डालते हैं.

आनंद मठ (1952)

आनंद मठ शरत चंद्र चैटर्जी के उपन्यास पर आधारित थी. फ़िल्म संन्यासी क्रांतिकारियों की आज़ादी की लड़ाई की कहानी थी जो 18वीं सदी में लड़ी गई थी.

हक़ीक़त (1964)

इस फ़िल्म को चेतन आनंद ने डायरेक्ट किया था. इस फ़िल्म की कहानी 1962 के भारत-चीन युद्ध पर आधारित थी. इस फ़िल्म को लोगों ने काफ़ी पसंद किया था. हक़ीक़त के गाने सुनकर आज भी आंखों में आंसू आ जाते हैं.

शहीद (1965)

भगत सिंह की ज़िंदगी पर बेस्ड इस फ़िल्म में मनोज कुमार ने भगत सिंह का रोल निभाया था. इस फ़िल्म की कहानी स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी. स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ के लिखे गीत इस फ़िल्म में थे. इस फ़िल्म को देशभक्ति पर बनी टॉप 3 फ़िल्मों में गिना जाता है. ख़ुद भगत सिंह के परिवार ने इस फ़िल्म को बेहद पसंद किया था.

गांधी (1982)

हालांकि ये एक भारतीय फ़िल्म नहीं थी बल्कि इसे ब्रिटिश डायरेक्टर सर रिचर्ड एटनबरो ने अमेरिकी कलाकारों को लेकर बनाया था. इस फ़िल्म को कल्ट का दर्जा हासिल है. गांधी जी पर बनी इससे ज़्यादा बेहतरीन फ़िल्म कभी नहीं बनी. गांधी का रोल करनेवाले सर बेन किंग्सली को इस फ़िल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला था.

उपकार (1967)

इस फ़िल्म को मनोज कुमार ने डायरेक्ट किया था. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ख़ुद मनोज कुमार को कहा था कि वो जवानों और किसानों पर एक फ़िल्म बनाएं. इस फ़िल्म में देशभक्ति का एक अलग तरह का रूप देखने को मिला जिसमें लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ का नारा बुलंद किया गया.

बॉर्डर (1997)

इस फ़िल्म को जे पी दत्ता ने डायरेक्ट किया था. इस फ़िल्म की कहानी 1971 की जंग पर आधरित थी. जे पी दत्ता ने फ़िल्म के ज़रिए फ़ौजियों की बहादुरी, क़ुर्बानी को पर्दे पर साकार किया. इस फ़िल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली थी.

सरफ़रोश (1999)

आमिर ख़ान ने इस फ़िल्म में बहादुर IPS अफ़सर का रोल निभाया था जो देश के दुश्मनों को पकड़ने के मिशन पर निकला होता है. देश के मौजूदा दुश्मनों की कहानी कहती इस फ़िल्म को देशभक्ति पर बनी सबसे अच्छी फ़िल्मों में गिना जाता है.

द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह (2002)

The Legend Of Bhagat Singh

भगत सिंह पर बनी इस फ़िल्म में अजय देवगन ने भगत सिंह का रोल निभाया था. राजकुमार संतोषी ने इस फ़िल्म को बेहतरीन तरीक़े से फ़िल्माया था. भगत सिंह की ज़िंदगी में देश के क्या मायने हैं और किस तरह वो देश के लिए क़ुर्बान होना चाहते थे इस फ़िल्म में बेहतरीन तरह से दर्शाया गया था. अजय देवगन को इस फ़िल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.

लक्ष्य (2004)

Lakshya Movie

इस फ़िल्म की कहानी करगिल युद्ध के दौरान की है. ऋतिक रौशन ने एक फ़ौजी का रोल निभाया था. एक आम लड़का किस तरह बहादुर फ़ौजी बनकर दुश्मनों से लोहा लेता है इस फ़िल्म में बख़ूबी दिखाया गया है.

रंग दे बसंती (2006)

इस फ़िल्म की कहानी ऐसे युवाओं की है जो बेपरवाह होते हैं. जिनकी ज़िंदगी दोस्तों, कॉलेज, मस्ती, घूमने फिरने के चारों तरफ़ ही घूमती है. लेकिन यही बेपरवाह युवा समाज और देश को बदलने की ज़िम्मेदारी लेते हैं और कुछ करके दिखाते हैं. इस फ़िल्म से सभी ने खास तौर पर युवाओं ने एक कनेक्शन महसूस किया. इस फ़िल्म की गिनती सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में होती है.

Manoj L

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